⚫️► सल्फर (S) : पृथ्वी पर सल्फर 0.05% उपस्थित है |
• सल्फर से एक महत्वपूर्ण रसायन सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) प्राप्त किया जाता है ,इसे ही तेजाब बोला जाता है (King of Chemicals) |
1) सल्फर ट्राइऑक्साइड को जल में घुलाने से,
2SO2 + O2 = 2SO3
SO3 + H2O = H2SO4 बनाता है |
2) हाइड्रोजन परॉक्साइड तथा सल्फर डाइऑक्साइड की सीधी क्रिया से-
H2O2 + SO2 = H2SO4 बनाता है |
Note : सल्फ़र डाई ऑक्साइड (SO2) काफी हानिकारक गैस है जो की उद्योगों से, ज्वालामुखी से निकलती है |
► H2SO4 उपयोग :
• कार की बैटरी में (V.imp)
• विस्फोटक पदार्थो में
• डिटर्जेंट उद्योग में
• इसका सबसे अधिक उपयोग पेट्रो रसायन उद्योगों में किया जाता है ,प्रयोगशाला में गंदगी साफ़ करने में भी इसका उपयोग किया जाता है |
• सल्फर का उपयोग वल्कीनीकरण (Vulcanization) Process में भी किया जाता है |
• प्राकृतिक रबड़ और सल्फर को जब मिलाकर गर्म किया जाता है तो यह अच्छी Quality के रबर (बहुलक) में परिवर्तित हो जाता है इसे ही वल्कनीकरण कहा जाता है |
► शुरुआत में वैज्ञानिक ऐसे रबर की खोज में लगे थे जो मौसम परिवर्तन से प्रभावित न हो तो एक वैज्ञानिक थे गुड़इयर वो भी इसी खोज में जुटे हुवे थे, तो रबर और सल्फर के मिश्रण का प्रयोग करते टाइम ये मिश्रण गर्म स्टोव पर गिर गया
ये मिश्रण पिघलने की जगह , चमड़े जैसा सख्त हो गया और इसका लचीलापन भी बरक़रार था, इस तरह से वल्कनाइड रबर आस्तित्व में आया |
♦ इसका उपयोग : टायर, ट्यूब, रबर बैंड, गुब्बारे, वाटर प्रूफ कोट में किया जाता है |
► SO2 (सल्फर डाई ऑक्साइड) : बहुत ही हानिकारक गैस है जो की अम्ल वर्षा के लिए Responsible होती है |
• वायु में इसकी अधिकता होने से पेड़ो की पत्तिया काली होकर गिर जाती है |
• उद्योगो से निकालने वाले धुएँ मे सल्फरडाइ ऑक्साइड होती है ज्वालामुखी से जो धुआँ निकलता है उसमे सल्फर डाइ ऑक्साइड होती है |
⚫️ नाइट्रोजन (N)
• आयतन के हिसाब से बात करे तो पृथ्वी पर 78 % भाग पर नाइट्रोजन है [आक्सीजन= 21%]
• नाइट्रिक ऑक्साइड Smog (धुंध) के लिए Responsible होता है |
• वह क्षेत्र जहा पेट्रोल और डीजल वाहन अधिक मात्रा में चलते है, वहा पर अधिक मात्रा में धुंध और कुहरा देखने को मिलता है क्यों की ये वाहन अधिक मात्रा में NO produce करते है ये वहाँ CO मतलब कार्बन मोनोऑक्साइड भी Produce करते है |
• सबसे ज्यादा वायुप्रदूषण कार्बन मोनोऑक्साइड करता है | श्वसन के साथ मे ये कार्बन मोनोऑक्साइड हमारे शरीर मे चला जाता है और रक्त मे उपस्थित हीमोग्लोबिन के साथ मे घुल जाता है और रक्त की ऑक्सीज़न वहन क्षमता को कम कर देता है जिससे इंसान की मृत्यु भी हो सकती है |
• नाइट्रिक ऑक्साइड सूर्य प्रकाश के साथ मे क्रिया करके NO2 बनाता है नाइट्रोजन डाइऑक्साइड बनाता है |
► NO2 के भूरे रंग के कारण ही भूरी धुंध दिखाई देती है |
► नाइट्रोजन ऑक्साइड मे NO, NO2, N2O तीनों आते है तो ये नाइट्रोजन के ऑक्साइड है ये Acid rain के लिए भी Risponsible होते है सल्फर डाइऑक्साइड भी अम्ल वर्षा के लिए Risponsible होता है वैसे ही नाइट्रोजन के ऑक्साइड भी अम्ल वर्षा के लिए Risponsible होते है |
• तो चलिये समझते है की Acid Rain किस तरीके से होती है और किस प्रकार से ये हमारे लिए हानिकारक है |
जब ये हानिकारक ऑक्साइड वायुमंडल मे पहुँचते है तो ये जल से क्रिया करके सल्फ्यूरिक अम्ल बना लेते है |
► और नाइट्रोजन ऑक्साइड जल के साथ मे क्रिया करकेनाइट्रिक अम्ल बना लेते है |
► जब ये अम्ल पृथ्वी पर वर्षा के रूप मे गिरते है तो इसे ही अम्ल वर्षा Acid Rain कहते है |
Note : अम्ल वर्षा मे सल्फ्यूरिक अम्ल अधिक मात्रा मे होता है |
► N2O नाइट्रस आक्साइड :
• इसे हास्य गैस कहते है इसे सूंघने पर हंसी आती है |
• डॉक्टरों द्वारा यह एनेस्थीसिया के रूप में उपयोग की जाने वाली गैस है |
► नाइट्रोजन के उपयोग :
• बर्फ बनाने में |
• विस्फोटक पदार्थ बनाने में |
• हेबर विधि में अमोनिया निर्माण में नाइट्रोजन का उपयोग किया जाता है |
• नाइट्रोजन गैस ठंडी व कम दाब होने के कारण वायुयान के टायरों में उपयोग की जाती है क्यों की वायुयान के टायरों का तापमान उच्च और दबाव अधिक होता है तो वायुयान के उतारते समय टायरों में विस्फोट होने की सम्भावना अधिक होती है |
• नाइट्रोजन पौधो की वृद्धि के लिए एक आवशयक तत्व है, कीटभक्षी पौधे ऐसी जगह पाए जाते है जहा भूमि में नाइट्रोजन की कमी होती है इस लिए ये कीटो को मारकर उसके शरीर से नाइट्रोजन प्राप्त करते है |
• भारत में ये पौधे कश्मीर, दार्जलिंग क्षेत्र में पाए जाते है |
⚫️► हेलोजन: आवर्त सरणी के 17 वे Group के Elements को हेलोजन कहते है और इस group के सभी तत्व रंगीन योगिक बनाने के काम आते है |
जैसे : F, Cl, Br, I
• F Cl हेलोजन समूह
की गैसे है जबकि आयोडीन (I) एक नीले रंग का क्रिस्टलीय ठोस होता है और ब्रोमिन (Br) द्रवित अवस्था में पाया जाता है |
• हेलोजन के सभी तत्व बहुत ही अभिक्रियाशील होते है, सबसे ज्यादा फ्लोरीन (F) होता है |
► फ्लोरीन के उपयोग : फ्लोरीन से ही क्लोरो फ्लोरो कार्बन (CFCl2) और पोलीटेट्राफ्लुओरो एथिलीन प्राप्त किया जाता है |
• फ्रीऑन का उपयोग: Refrigerant (प्रशीतक) की तरह Use की जाती है |
• टेफ्लॉन का उपयोग : बर्तनो, वाहनों पर पेंट की सुरक्षा के लिए टेफ्लान कोटिंग की जाती है,ताकि पेन्ट को स्क्रैच न लगे।
► पदार्थ, को उसके वातावरण के ताप के नीचे तक ठंढा करने की क्रिया को प्रशीतन (Refrigeration) कहते हैं |
► Cl का उपयोग :
• ब्लीचिंग पाउडर बनाने में
• मस्टर्ड गैस बनाने में
• जल शुद्धिकरण में (V.imp)
► Br का उपयोग :
• औषधी बनाने में |
• पीड़ानाशक (painkiller) के रूप में
• ब्रोमीन का एक योगिक सिल्वर ब्रोमाइड (AgBr) फोटोग्राफी में Use किया जाता है |
Note : [ फोटोग्राफी में स्थाईकरण के लिए सोडियम थायोसल्फेट का भी Use किया जाता है ]
► आयोडीन (I) :रंग उद्योगों में |
► Nobel Gases : Group18 के 6 तत्वों को Noble gas कहा जाता है ,रासायनिक रूप से निष्क्रिय होने के कारण |
⚫️► Polymer: Polymer दो शब्दो से मिलकर बना है Poly का मतलब है ''Many'' यानि बहोत सारे और mer का मतलब है ''Unit'' |
• हमारी daily life में हम बहोत से Polymer का use करते है पॉलीथिन, इलेक्ट्रिक Switch,रुई, रस्सी |
► Polymerisation : जब बहोत सारी Unit (Molecule) संयोग करके बड़ी Unit (बड़ा Molecule) बनाते है उसे ही Polymerisation process कहते है |
♦ चलिये इसे एक Ex से समझते है |
• पॉलिएथिलीन एथिलीन से प्राप्त किया जाता है |
• अभिक्रिया में भाग लेने वाले अणु को Monomer और Final product को polymer कहते है |
► प्राकृतिक बहुलक (Natural Polymer):
Ex. स्टार्च
• सेल्युलोज
► Synthetic Polymer :
Ex. प्लास्टिक (पॉलिथीन, PVC, पॉलिस्टाइरीन)
Fibres (नायलॉन, पॉलिएस्टर)
रबर
► प्लास्टिक (Plastics) : रासायनिक प्रक्रिया से तैयार प्लास्टिक 2 प्रकार के होते है -
1 ) थर्मोप्लास्टिक - इस तरह का प्लास्टिक गर्म करने पर मुलायम हो जाता है और ठंडा करने पर कठोर हो जाता है |
Ex : पॉलिथीन, PVC, पॉलिस्टाइरीन, etc.
2 ) थर्मोसेटिंग प्लास्टिक - इसे गर्म करके एक fix आकर में ढाल लिया जाता है , पुनः गर्म करके आकर Change नहीं किया जा सकता |
Ex : बेकेलाइट
► पॉलि-एथिलीन : एथिलीन के n Molecule जो होते है वो High Preasure Hight Tempreture पर बड़ा Molecule बनाते है जिसे पॉलि-एथिलीन बोलते है तो यहा पर Monomer एथिलीन हुआ और Polymer पॉलि-एथिलीन हुआ |
♦ उपयोग : पैकिंग थेलिया बनाने में |
► पॉलि-स्टाइरीन : स्टाइरीन के n Molecule जो है वो High Preasure Hight Tempreture पर आपस मे सब लिंक हो जाते है और एक बड़ा Molecule बना लेते है जिसे पॉलि-स्टाइरीन बोलते है इसे एक नाम और से भी जाना जाता है फेनिल एथिलीन |
♦ उपयोग :
• बोटलो में
• सेलो के Cover में
• CD Cover में
• खिलौने
• रेडियो
• टेलिविजन
► PVC (पॉलि-विनाइल क्लोराइड): विनाइल क्लोराइड के n Molecule आपस मे High Preasure Hight Tempreture पर एक बड़ा Molecule बना लेते है उसे PVC बोलते है |
• PVC का monomer विनाइल क्लोराइड है |
♦ उपयोग :
• पतली चादर
• बरसाती बेग
• पाइप
♦ उपयोग :
• Electric Switch
• बर्तनों के हत्थे
• बाल्टियो
• रेडियो ,टेलिविजन |
► Natural Rubber (प्राकृतिक रबर) : प्राकृतिक रबर का Monomer आइसोप्रीन है आइसोप्रीन High Preasure High Tempreature पर और Suitable Catalyst की उपस्थिती मे पॉलि-आइसोप्रीन बनाता है |
• ये प्राकृतिक रबर बहुत लचीला होता है इस लिए इसमें कार्बन मिलाया जाता है उसके बाद इसका उपयोग ट्यूब, टायर में किया जाता है |
• ये आइसोप्रीन रबर के पेड़ से लेटेक्स के रूप पे प्राप्त किया जाता है |
► Synthetic Rubber : नियोप्रिन एक प्रकार का Synthetic Rubber है जिसे क्लोरोप्रीन के बहुलीकरण से प्राप्त किया जाता है |
→ अब हमने नियोप्रिन ,क्लोरोप्रीन, आइसोप्रीन भी पड़ लिया तो हो सकता है आप Confused हो जाये तो बहुत ही आसान तरीका है इसे समझने का तो चलिये देखते है |
► प्राकृतिक रबर का monomer क्या है एसा Exam मे Questions आ गया और आप Confused हो रहे है की क्लोरोप्रीन, आइसोप्रीन, और नियोप्रिन आपने पड़ रखा है तो Ans तक पहुँचने का सबसे आसान तरीका है की प्राकृतिक जो है तो इसका First Word प्रा आ का Sound दे रहा है तो आपके सामने 3 option है आइसोप्रीन नियोप्रिन और क्लोरोप्रीन तो आपको Simple आ को आ से मिलाना तो आइसोप्रीन जो है वो प्राकृतिक रबर का बहुलक है तो इस तरह से आप आइसोप्रीन, नियोप्रिन और क्लोरोप्रीन मे बिलकुल Confuse नहीं होंगे |
► Fibers :
♦ Nylon 6
♦ Nylon 66
♦ केवलर
• इन तीनों मे एमाइड ग्रुप Repeat होता है इसीलिए ये तीनों पॉलीएमाइड कहलाते है
• डेक्रान मे एस्टर ग्रुप Repeat होता है इसीलिए इसे पॉलीएस्टर कहलाते है |
• डेक्रान मे एस्टर ग्रुप Repeat होता है इसीलिए इसे पॉलीएस्टर कहलाते है |
♦ Nylon का उपयोग -
• मछली पकड़ने वाले जाल
• टूथ ब्रश
• रस्सी
♦ केवलर का उपयोग बुलेट प्रुफ जैकेट बनाने मे किया जाता है |
♦ डेक्रान/ टेरेलीन का उपयोग
• कपड़ो में
• Ship Sail
• रस्सी
Note : पॉली कार्बोनेट का उपयोग किया जाता है बुलेट प्रुफ window बनाने में किया जाता है |
► पॉलि-एक्राइलो नाइट्राइल : एक्राइलो नाइट्राइल के n Molecule आपस मे High Preasure Hight Tempreture पर पॉलि-एक्राइलो नाइट्राइल बना लेते है |
♦ उपयोग : Orlon (ऊन) बनाने में |
► Rayon :यह एक Artificial Fiber है जो की सेल्यूलोज से प्राप्त किया जाता है, जिसका उपयोग कपडा बनाने में ,कालीन बनाने में |
► टेफ़लोन :
• टेट्रा फ्लोरो एथिलीन के n Molecule आपस मे High Preasure Hight Tempreture पर पॉलीटेट्रा फ्लोरो एथिलीन बना लेते है |
♦ उपयोग : बर्तनो पर न चिपकने वाली सतह के रूप में उपयोग किया जाता है
♦ TNT
♦ TNP
♦ TNG
♦ RDX
♦ Gun Powder
• टाल्यूईन नाइट्रिक
अम्ल और सल्फ्यूरिक अम्ल की उपस्थिती मे TNT बना लेता है जो की एक विस्फोटक है |
• फिनोल नाइट्रिक अम्ल की उपस्थिती मे TNP बना लेता है |
Note : इसे ही ‘’पिक्रिक अम्ल’’ कहा जाता है |
• ग्लिसरीन सल्फ्यूरिक अम्ल और नाइट्रिक अम्ल की उपस्थिती मे TNG बनाता है |
• इसे ही नाइट्रोग्लिसरीन और नोबल तेल कहा जाता है |
♦ उपयोग :
• इसका Use डायनामाइड बनाने में किया जाता है |
• डायनामाइड की खोज अल्फ्रेड नोबल ने की |
► इसकी खोज - हेंस हेनिंग
► Chemical Name : ट्राई मिथाइलिन ट्राई नाइट्रोमाईन
► RDX को ही साइक्लोनाइट , T-4 के नाम से जाना जाता है |
► खोज - रोजर बैंकन
► इसको बनाने में पोटेशियम नाइट्रेट का उपयोग किया जाता है |
► नाइट्रोक्लोरोफॉर्म (Chloropicrin): Operation से पहले मरीज को बेहोश करने में इसका उपयोग किया जाता है |
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